फोटो- पीएमओ इंडिया
श्यामन,
ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन के श्यामना पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों के साथ मिलकर दुनिया में फैले हर तरह के आतंकवाद को खत्म करने करने की बात कही। ब्रिक्स देशों में अपना अलग दबदबा बना लेने वाले पीएम मोदी ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को लेकर गहराई से चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग ने गर्मजोशी से मिले।
ब्रिक्स सम्मेलन 2017 की खास बात यह है कि पीएम मोदी ने पाक समर्थित आतंकवाद पर अपनी बात मनवा ली। इस सम्मेलन में पहली बार आतंकवाद का मुद्दा जोरों से उठा। इस सम्मेलन में पहली बार पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया। ब्रिक्स के घोषणापत्र में पहली बार आतंकवादी संगठन लश्कर, हक्कानी नेटवर्क, जैbrश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेक्सितान, टीटीपी और हिज्बुल उत तहरीर द्वारा की जा रही हिंसा की निंदा की गयी है। घोषणापत्र में बताया गया कि तालिबान, ISIL से भी खतरा है।
भारतीय प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स नेताओं की बैठक के बाद प्लैनरी सत्र को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि शांति के लिए एक-दूसरे का सहयोग जरूरी है। एकजुट रहने पर ही शांति और विकास होगा। पीएम ने कहा कि ब्रिक्स देशों के परस्पर सहयोग से ही विकास होगा। हमारा लक्ष्य स्मार्ट सिटी, स्वास्थय, विकास, शिक्षा में सुधार लाना है। पीएम ने ब्रिक्स की तारीफ करते हुए कहा कि आज लोग एक दूसरे से मिल रहे हैं और ये नजदीकियां हमारी आपसी समझ को और गहरा और मज़बूत बनाएंगी।
ब्रिक्स बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने प्रेस को संबोधित किया। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पीएम ने ब्रिक्स की बैठक में सभी देशों को एकजुटता से निर्णय लेने की अपील की। पीएम मोदी ने सुरक्षा परिषद में बदलाव की भी बात की। इसके अलावा पीएम ने मनी लॉन्ड्रिंग, काला धन का मुद्दा सभी देशों के सामने उठाया।
बता दें कि चीन लगातार पाकिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगाता रहा है. लेकिन ब्रिक्स के घोषणापत्र में इनका जिक्र होना भारत के लिए बड़ी सफलता है। ब्रिक्स का यह 9वां सम्मेलन है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं।