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म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान जान बचाकर भाग रहे हैं। म्यांमार के उत्तर पश्चिम स्थित रोहिंग्या बहुल इलाके में पिछले हफ्ते 2,600 से अधिक घर जला दिए गए। संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचआरसी) के अनुसार, करीब 58,000 रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से जान बचाकर पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए।
म्यांमार सरकार ने अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (आरसा) पर घर जलाने का आरोप लगाया। म्यांमार सरकार द्वारा आरसा समूह को आतंकी घोषित कर दिया गया है लेकिन न्यूयार्क की ह्यूमन राइट्स वॉच ने इमेजरी सैटेलाइट शोज के जरिए पूरे मामले को देखते हुए कहा म्यांमार की सेना ने जान बूझकर आग लगायी है।
म्यांमार से भाग बांग्लादेश की शरण में पहुंचे लोगों ने बताया कि रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार से भगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेना के लोग गांव में आये और फायरिंग करने लगे। गांव में सभी घरों को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया था। यदि हम वापस वहां जाएंगे तो उनकी सेना हमें देख लेगी और मार देगी।‘
बता दें कि बौद्ध बहुल म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। यहां कई सालों से रोहिंग्या और बौद्धों के बीच संघर्ष चल रहा है। रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार में नागरिकता से इंकार कर दिया गया और अवैध प्रवासी करार दिया गया है। कई हजार रोहिंग्या जान बचाकर बांग्लादेश भाग चुके हैं। रोहिंग्या लोग म्यांमार सरकार पर नस्लीय हिंसा का आरोप लगाते रहे हैं।