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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मीट कारोबारी मोईन कुरैशी गिरफ्तार, जानिए इनके बारे में

फाइल फोटो

नई दिल्ली, 

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देश के बड़े मीट कारोबारी मोईन कुरैशी को शुक्रवार की रात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। मोईन कुरैशी को शनिवार को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। मोईन पर हवाला के जरिए विदेशों में पैसा भेजने का आरोप है।

ईडी ने गुप्त सूचना के आधार पर साउथ दिल्ली में मोईन के दो ठिकानों पर भी छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान कुछ जेवर और लेन-देन के संदिग्ध दस्तावेज हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों में इस मांस कारोबारी और उसकी कंपनियों के हवाला कारोबार में लिप्त होने और फेमा कानून के उल्लंघन में शामिल होने के संकेत मिले थे। ईडी ने संबंधित ट्रांजेक्शन की विस्तृत जानकारी कई अन्य देशों से मांगी है। बता दें कि कुरैशी पर हवाला के जरिये 200 करोड़ रुपए विदेश में भेजने का आरोप है। कुरैशी साल 2011 से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रडार पर हैं। लेकिन उस पर पहली बार कार्रवाई 2014 में हुई।

मूल रूप से कानपुर का रहने वाले मीट कारोबारी मोईन कुरैशी का राजनीतिक पकड़ भी अच्छी बताई जाती है। कुरैशी ने यूपी के रामपुर में एक छोटा बूचड़खाना खोला था और बहुत जल्द ही देश का सबसे बड़ा मीट कारोबारी बन गया। कुरैशी की देश-विदेश में कई कंपनियां हैं। उसकी एएमक्यू नाम की कंपनी मांस का निर्यात करती है।

अपनी मॉडल बेटी पर्निया पेशे की भव्य शादी के बाद जांच एजेंसियों के निशाने पर आए कुरैशी पर ईडी ने 2015 के काले धन अधिनियम के तहत कुरैशी को कई नोटिस जारी किए थे। साल 2015 में ईडी ने आयकर विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर कुरैशी के खिलाफ विदेशी विनिमय प्रबंध कानून (FEMA) के तहत जांच शुरू की थी।

2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों में भी उसका नाम भी लिया था। मोदी ने अपनी रैलियों में कहा था कि कांग्रेस के शासन काल में कुरैशी के कांग्रेस से इतने बेहतर संबंध थे कि रडार में होने बाद भी उससे कभी पूछताछ नहीं हुई।

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