प्योंगयांग,
परमाणु हथियारों का लगातार निर्माण कर पूरी दुनिया में तनाव पैदा करने वाले उत्तर कोरिया के तानाशाह किन जोंग उन को एटम बम विकसित करने में पाकिस्तान की मदद मिलती है।
द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने पाकिस्तान की मदद से नब्बे के दशक में गैर कानूनी तरीके से परमाणु हथियार विकसित करने का वैकल्पिक तरीका खोज लिया था। इसके बाद ही उत्तर कोरिया ने यूरेनियम संवर्धन के लिये जरूरी गैस बनाने का संयंत्र निर्मित कर लिया।
अखबार को दिए इंटरव्यूह में पाकिस्तान के परमाणु बम कार्यक्रम के सदस्य अब्दुल कदीर खान ने कहा कि उत्तर कोरिया वर्ष 2002 से ही तीन हजार या उससे अधिक सेंट्रीफ्यूज की मदद से छोटे पैमाने पर यूरेनियम संवर्धन कर रहा है और पाकिस्तान ने चोरी से उसे अहम मशीनरी और तकनीकी परामर्श मुहैया कराया है।
दोनों सरकारों के बीच एक रणनीतिक समझौता हुआ था कि खान की प्रयोगशाला ‘सेंट्रीफ्यूज कार्यक्रम के साथ सलाह और मार्गदर्शन देगी और उत्तर कोरिया गौरी मिसाइलों में परमाणु हथियार लगाने में पाकिस्तान की मदद करेगा।
बता दें कि तानाशाही शासन वाले देश नॉर्थ कोरिया ने 6ठा न्यूक्लिअर टेस्ट कर हाइड्रोजन बम तैयार किया है। नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लिअर टेस्ट से जो भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि यह पिछला न्यूक्लिअर टेस्ट से पांच से छह गुना अधिक पावरफुल था।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया 2006 से ही परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। 2016 में कोरिया ने ऐसे बम का परीक्षण किया था जो 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए बम जितना पावरफुल था। किम जोंग की इस हरकत से नाराज अमेरिका समेत कई देश नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध लगाने की रणनीति बना रहे हैं। ताजा हालातों के मद्देनजर उत्तर कोरिया के बीच युद्ध छिड़ने की भी संभावना है।