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चंडीगढ़,
बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संत रामपाल को बरी कर दिया गया है। रामपाल के खिलाफ दो केस चल रहे थे। सेंट्रल जेल में बंद बाबा रामपाल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्यवाही हुई है। इस फैसले को लेकर हिसार में धारा 144 लगाई गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा रामपाल पर सरकारी काम में बाधा डालने और आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने को लेकर केस दर्ज है। इन दोनों मामलों में बाबा रामपाल के अलावा प्रीतम सिंह, राजेंद्र, रामफल, वीरेंद्र, पुरुषोत्तम, बलजीत, राजकपूर ढाका, राजकपूर और राजेंद्र को भी आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि कबीर पंथी विचारधारा के समर्थक संत रामपाल दास देशद्रोह के एक मामले में हिसार जेल में बंद हैं। हिसार के बरवाला में तीन साल पहले हुए विवाद के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले साल 2006 में भी रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। बाबा को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षाबलों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस दौरान बाबा के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी हिंसक झड़प हुई थी।
गौरतलब है कि हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में जन्मे संत रामपाल दास ने पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी की। साल 1995 में रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे। देखते-देखते बाबा कई एकड़ में फैले आश्रम के मालिक बन गए। उनके भक्तों की तादाद भी बढ़ने लगी। और लोग उन्हें संत रामपाल के नाम से जानने लगे।