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नई दिल्ली,
बिहार का सियासी ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है। नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने से नाराज जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद शरद ने अपने घर पर शाम 5 बजे बैठक बुलाई है। इस बैठक में बीजेपी का विरोध करने वाले नेता अली अनवर और विरेंद्र कुमार भी शामिल होंगे। इससे पहले यह अटकलें लगाई जा रही थी कि बीजेपी-जदयू की सरकार में शरद को मंत्री पद दिया जाएगा।
मीडिया खबर के मुताबिक, गुरुवार को राज्यसभा सांसद अली अनवर के बाद और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने नीतीश कुमार के फैसले का विरोध किया है। शरद यादव का कहना है महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का नीतीश का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। जिससे बिहार में गलत संदेश जाएगा।
वहीं, जेडीयू के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर बीजेपी के साथ सरकार बना रहे हैं लेकिन मेरी अंतरात्मा इस बात को नहीं मानती है। अगर मुझे अपनी बात कहने का मौका मिलेगा तो मैं पार्टी के मंच पर अपनी बात जरूर रखूंगा।
बता दें कि जेडीयू में 5 मुस्लिम विधायक और 11 विधायक यादव जाति के विधायक हैं। ऐसे में शरद यादव जदयू से नाता तोड़ते हैं और इन विधायकों को अपने खेमे में मिलाने में कामयाब हो जाते हैं तो बिहार के सियासत में एक बार पिर उठापटक देखने को मिल सकता है। हालांकि बताया जा रहा है कि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने शरद यादव से फोन पर बात कर उन्हें मनाने की कोशिश की है। खबर यह भी है कि केंद्रीय मंत्री व शरद के पुराने दोस्त अरुण जेटली भी शरद को मनाने जाएंगे।