मुंबई,
मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित 9 साल बाद बुधवार को जेल से रि्हा हो गए। पुरोहित मंगलवार को ही जेल से रिहा होने वाले थे लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी न होने के कारण रिहाई नहीं हो पाई थी। वे रिहाई के बाद पुणे स्थित अपने घर जाएंगे। कर्नल पुरोहित को रिसीव करने के लिए आर्मी की गाड़ी आई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की जमानत पर बाहर निकले कर्नल पुरोहित एक बार फिर सेना में शामिल होंगे। एक तरह से आर्मी कर्नल पुरोहित को ओपन कस्टडी में रखकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखेगी। उनपर लगे आरोपों के अनुसार उनकी निगरानी की जाएगी। इस दौरान उन्हें वर्दी भी पहनना जरूरी होगा।
20 जनवरी 2009 को गिरफ्तारी के बाद सस्पेंड हुए कर्नल पुरोहित ने कहा कि आर्मी ने उनका साथ कभी नहीं छोड़ा। सेना हमेशा उनके साथ खड़ी रही। उन्होंने कहा कि मुझे कभी एहसास नहीं हुआ कि मैं सेना से बाहर हूं। पुरोहित ने कहा, मैं अपनी वर्दी फिर से पहनना चाहता हूं, आर्मी में वापस जाना चाहता हूं। कर्नल पुरोहित ने कहा कि वर्दी मेरे शरीर की स्किन की तरह है इसे वापस पाने में मुझे बेहद खुशी होगी।
कर्नल पुरोहित ने कहा कि 9 साल जेल में बिताने का धोष मैं किसी और को नहीं, बल्कि अपनी किस्मत को देता हूं। उन्होंने कहा कि सेना ने मुझे चरित्र सिखाया, इस केस से मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। कर्नल पुरोहित ने भावुकता में कहा कि अगर मैं इस तरह के अपराध में शामिल होता तो मेरी मां और पत्नि भी मेरा साथ छोड़ देतीं।
बता दें कि 29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में रमजान के दौरान बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आरोप है कि इस ब्लास्ट के पीछे हिंदू राइट विंग ग्रुप्स का हाथ है। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत 12 लोग आरोपी हैं।