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नई दिल्ली,
केंद्रीय वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रहे मानहानि मामले में वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी ने इस केस को छोड़ने के बाद आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने जेटली के लिए धूर्त और इससे भी ज्यादा अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करने के लिए कहा था।
अरुण जेटली को लिखे एक लेटर में जेठमलानी ने खुलासा किया है कि जब अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि केस पर काम कर रहा था तो केजरीवाल ने पूछा था कि आपने कितनी बार धूर्त जैसे बदतर शब्दों का इस्तेमाल किया। जेठमलानी ने कहा कि केजरीवाल ने सैकड़ों बार मुझसे कहा कि कुछ भी हो जाए लेकिन इस (धूर्त) को सबक सिखाना है।
जेठमलानी ने बताया कि इस मसले पर केजरीवाल ने झूठ बोले इसलिए मैंने उनका केस छोड़ दिया। जेठमलानी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरवाल ने कोर्ट में झूठ बोला कि उन्होंने मुझे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहा था। जबकि, सच्चाई ये है कि उन्होंने ऐसा किया था। मेरे पास इसके सबूत हैं।
बता दें कि डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को लेकर अरूण जेटली ने आम आदमी पार्टी के पांच नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इसी केस में पिछले 22 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से कई तीखे सवाल किए थे। इस दौरान जेठमलानी ने जेटली के लिए धूर्त जैसे अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया था।
कोर्ट में हो रहे अपमान को लेकर जेटली ने वकील ने पूछा था कि इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है। जिसपर कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा था। जवाब में देरी को लेकर उनपर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा था। हालांकि केजरीवाल ने हलफनामे में बताया कि उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहा था। बल्कि यह शब्द वकील के अपने थे।
इसके बाद रामजेठमलानी भड़क गए और इन्होंने केजरीवाल का केस छोड़ दिया। साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल और जेटली को एक लेटर लिखा, जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि वित्त मंत्री को बोले गए अपशब्द मेरे नहीं अरविंद केजरीवाल के थे।